मेरा यार मुझसे रूठा है
जाने किस बात से दिल उसका टूटा है
टूटे उसके दिल को-2…मैं समझाऊं कैसे
रूठे यार को मैं मनाऊँ कैसे
बिन प्यार के मेरे यार के दिलदार के , ये दिल है अकेला
अब ज़िन्दगी हाँ….लगे है ऐसे जैसे कोई ख्वाब है
काश वो दिन आ जाये, संग रहने की इजाजत दे जाए
मेरी दुल्हन बनकर जीवन में वो आ जाए
लाखों सपने जो हमने देखे, सच हो जायें
अब हम तुमसे एक पल को भी दूर नहीं रह पाते हैं
ये जीवन…हाँ मेरा जीवन बिन तेरे एक कोरा कागज है
मेरा दिल भी तेरी सूरत का कायल है
अब दिन रात मैं सोंच में डूबा रहता हूँ
क्योंकि…
मेरा यार मुझसे रूठा है
जाने किस बात से दिल उसका टूटा है
टूटे उसके दिल को मैं समझाऊँ कैसे
रूठे यार को मैं मनाऊँ कैसे
सुबोध उर्फ सुभाष
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