शाम को हवलदार राम सिंह अनमने भाव से घर पर पहुंचा, सर्किल इंस्पेक्टर साहब ने ड्यूटी पर आधा घंटा देरी से आने पर बहुत डांट पिलाई थी, जिसे वो चुपचाप सह गया|
“कल चार घंटे तक ओवर टाइम किया उसका कुछ देते नहीं और थोड़ी सी देर हो जाए तो…” बडबडाते हुए वो अपने मन की भड़ास निकाल रहा था कि, उसने देखा उसका पांच साल का बेटा रिवाल्वर से खेल रहा है| वो चिल्लाये “अरे…ये कोई खिलौना है क्या?”
“डैडी, जिस बन्दुक में गोली नहीं होती वो खिलौना ही तो होती है…” बेटे ने बड़ी मासूमियत से कहा|