गर मैं एक नदी होती
सागर में गिर जाती
इसके पानी में मिल जाती
इसके रंग में घुल जाती
इसकी गहराई में झांक आती
इसकी लहरों संग बह
सागर के उस पार क्या है
जान आती।
मीनल
गर मैं एक नदी होती
सागर में गिर जाती
इसके पानी में मिल जाती
इसके रंग में घुल जाती
इसकी गहराई में झांक आती
इसकी लहरों संग बह
सागर के उस पार क्या है
जान आती।
मीनल