अधजली सी लाश मैं
हरियाली से भरूं श्वास मैं
पानी से समझूं प्यास का अर्थ
बादल जो बरसे घनघोर
बारिश में भीग मदहोश
बुझा लूं
प्रताड़ना की चिता में जल रही
अग्नि की लपटों में भरती
अंतिम श्वास मैं
कर लूं धधकते ज्वालामुखी को शांत
पी लूं लाल अंगारों की राख मैं
अंतिम श्वास से नये जीवन के फूटते अंकुर की
फिर से करूं शुरुआत मैं।
मीनल