सबको है सम्मान से, जीने का अधिकार |
पशुओं पर यूँ आप क्यों, करते अत्याचार |
करते अत्याचार, मार कर उनको खाते |
सींग, दाँत अरु खाल, बेच कर अर्थ कमाते |
कहे श्लेष कविराय, मानने वाला रब को |
पशु हो या इंसान, प्यार देता है सबको |
— श्लेष चन्द्राकर
सबको है सम्मान से, जीने का अधिकार |
पशुओं पर यूँ आप क्यों, करते अत्याचार |
करते अत्याचार, मार कर उनको खाते |
सींग, दाँत अरु खाल, बेच कर अर्थ कमाते |
कहे श्लेष कविराय, मानने वाला रब को |
पशु हो या इंसान, प्यार देता है सबको |
— श्लेष चन्द्राकर