माँ को कल सुबह वाली ट्रेन से अकेले ही आगरा जाना था। सुबह बेटी आगरा स्टेशन पर माँ को लेने आने वाली थी। अचानक माँ की तबियत बिगड़ जाने से माँ नहीं जा सकी और बेटे को रिजर्वेशन कैंसिल कराना पड़ा।
अगले दिन अखबारों में एक दिल दहलाने वाली खबर छपी।।
जिस ट्रेन से माँ को आगरा जाना था उसका भीषण एक्सीडेंट हो गया।। सैकड़ो मारे गए और हजारों घायल हुए। शासन ने मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 2-2 लाख सहायता राशि देने का एलान किया।
अगले दिन बीमारी की वजह से माँ भी चल बसी।।
आज बेटे और बहू को बेहद अफसोस है।
माँ के चले जाने का नहीं…..बल्कि इस बात का कि माँ उस ट्रेन से आगरा नहीं जा पाई।।
डॉ. दीपक अग्रवाल (मूल लेखक)
बरही जिला कटनी मप्र
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