देशी बाप विलायती लड़का
शहरी बेटा जब बूढ़े बाप से मिला तो एक बार तो ममता कौंध गयी लेकिन उस बुड्ढ़े बाप की स्थिति देख कर शहरी बेटा वापस शहर में जा के बस जाता है .…
शहरी बेटा जब बूढ़े बाप से मिला तो एक बार तो ममता कौंध गयी लेकिन उस बुड्ढ़े बाप की स्थिति देख कर शहरी बेटा वापस शहर में जा के बस जाता है .…
इस दीपावली वह पहली बार अकेली खाना बना रही थी। सब्ज़ी बिगड़ जाने के डर से मध्यम आंच पर कड़ाही में रखे तेल की गर्माहट के साथ उसके हृदय की गति भी बढ…
आखिर उस आतंकवादी को पकड़ ही लिया गया, जिसने दूसरे धर्म का होकर भी रावण दहन के दिन रावण को आग लगा दी थी। उस कृत्य के कुछ ही घंटो बाद पूरे शहर…
वैसे तो कई बार घर से कॉलेज ट्रैन से गयी हूँ मैं पर हमेशा कोई न कोई frnd साथ मे रही और आज पहली बार अकेले travel कर रही थी। थोड़ा सा डर…
संपादक महोदय को अपनी प्रेस के लिए गार्ड की आवश्यकता थी,सो उन्होंने विज्ञापन निकलवाया बहुत-से नौजवान संपादक महोदय के समक्ष उपस्थित हुए, लेकिन कोई भी उनकी योग्यता परीक्षा में पास नहीं हो सका…
सीता चुपचाप आँगन में बैठी थी कुछ सोचती हुई दिखाई पड़ रही थी चेहरें पर उदासी छाई थी आँखें नम हो रही थी पास ही कमरें में उसका पति घनश्याम सोया था वह…
"मैं केक नहीं काटूँगी।" उसने यह शब्द कहे तो थे सहज अंदाज में, लेकिन सुनते ही पूरे घर में झिलमिलाती रोशनी ज्यों गतिहीन सी हो गयी। उसका अठारहवाँ जन्मदिन मना रहे परिवारजनों, दोस्तों,…
अमेरिका से सुरेखा बहिन की चिठी से मालूम पड़ा कि एक भयंकर कार एक्सीडेंट में उनकी एक आँख जाती रही। दिल को गहरा आघात लगा लेकिन पैसों की मजबूरी कहें या पारिवारिक परिस्थितियों…
एकाएक उपजी इस इमरजेंसी में श्रीधर करे तो क्या करे। बीच बीच में राहुल से सम्पर्क साधने की कोशिश की जाती पर विफलता ही हाथ लगती।
मरने की कगार पे मेरे कदम पल पल बढ़ रहे थे। समय के आईने में खुद को निहार रहा था कि क्या मैंने सारी उम्र
सोशल मीडिया के मनोरंजन के कब उसे आत्महंता बना लिया आसपास किसी को इसकी आहट न हुई।
वह टेलीविजन पर वन्य प्राणियों को देखता था। स्कूल जाते हुए बाहर की दुनिया से भी उसका साक्षात्कार हो रहा था।
भूख और प्यास से तड़पता हुआ एक गधा जंगल की ओर निकला और हरी घास को देखकर उसका मन प्रफुल्लित हो गया।
दाह-संस्कार के साथ एक सुकून भरी मौत भी न पा सका। अंत में एक अच्छा-भला पुलिस वाला अपने घर से जीप लाया और तब दाह-संस्कार...
जिद्दी लोग ही इतिहास रचते हैं। इतिहास उठा कर देख लीजिये आज तक जिस इंसान ने अपनी जिद को पाला है उसी ने इतिहास रचा है। एक जिद्दी इंसान ही इतिहास रच सकता…