चिट्ठी
कुछ बरस ही बीते होंगे चिट्ठी का औचित्य ख़तम हुए पर वह संवेदना और भावना आज कहाँ है इन [...]
कुछ बरस ही बीते होंगे चिट्ठी का औचित्य ख़तम हुए पर वह संवेदना और भावना आज कहाँ है इन [...]
आज अलमारी साफ करते मिले पुराने खत तुम्हारे जिनमें आज भी आ रही है तुम्हारे प्यार की खुशबू आज [...]
ससुर जी ज़ोर से हंस कर बोले अरे भागवान तुम्हे पढ़ना नहीं आता तो कम से कम पढवा ही लेतीं बहू से ।और बहू तुमने भी पढ्ने का कष्ट नहीं किया ? "