भगवान है पिता
घर-द्वार के सुंदरता की शान है पिता संसार में हस्ती बड़ी महान है पिता क्या कर दूं बच्चों के लिए सोचता हरपल संघर्षरत की बच्चों का भविष्य हो उज्ज्वल वो स्तम्भ है नातों…
घर-द्वार के सुंदरता की शान है पिता संसार में हस्ती बड़ी महान है पिता क्या कर दूं बच्चों के लिए सोचता हरपल संघर्षरत की बच्चों का भविष्य हो उज्ज्वल वो स्तम्भ है नातों…
ईर्ष्या-द्वेष और पाप जहाँ में धर रहा रूप विकराल है| देख तेरी दुनिया मे न एकता है न प्यार है
लम्हा-लम्हा मैंने बिताया उनके एक-एक क्षण कैसे कहें जिंदा कैसे उनके बेगैर मैं इस जहां में जीते जा रहे हैं
सोनपरी की कहानी भी पुरानी हो गई मगर आज भी सुनहरी मछली मुझे अच्छी लगती है शायद...
केवट जो नाव को इस पर से उस पार खेवट है वे खुद भवर में फस जाएंगे...
हर बात पे खोटे बनते, जीवन कर रहे व्यर्थ हैं | अरे काम आओ एक दूजे के जीने का यही अर्थ है...
हे स्वप्न तुम्ही मेरे संसार जीवन के अनुपम उपहार होता प्रतिपल आकुल अन्तर जीवन तो है सत्य भयंकर प्राणों की आहूति दे देकर चाहूं देखूं तुम्हे निरन्तर देख लिया अब सत्य जगत का…
नार नवेली -------- देखी हमने नार नवेली, संग में ना थी सखी सहेली, करती साजन का इंतजार । पलक उठाके तुरन्त गिराती, मन ही मन वह तो शर्माती, चित्त में उठते सौ सौ…
प्रेम बसा लो नयनों में चंचलता चित्त के द्वार धरो हे मृगनयनी हे मधुबाले मेरा प्रणय - निवेदन स्वीकार करो हे मृगनयनी हे मधुबाले . . . . . क्लान्त मेरा मन अवज्ञा…
. . . . .कोई खो गया है ! हृदय-नगरी में बड़ा शोर मचा है शायद ! कोई अन्दर खो गया है कुछ झूमती हुई , बदहवासियाँ, शोर मचाती चिल्लाती खामोशियाँ मन के,…
स्त्री। . . . . . बेटी माँ पत्नी और बहू हर रूप में जानी जाती घर ही नहीं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाती स्त्री रूप है शक्ति का संसार को बनाने…
आज गुम शुम सा है हर कोइ खाली पड़ा है अखबार या खत्म हो गया संसार आज गुम शुम सा है हर कोइ चोर, भ्रषट् ,छल , कपट सब चौंकन्ने कि कहीं सबकी…
एक पल की घबराहट थी, एक पल की सकपकाहट थी, ना जानें कहाँ से, ये बेचैनी आई थी। गलत पता मिला था, या गलत राह से आई थी। शायद मालुम नहीं था उसे…